रायपुर। कभी रायपुर की पहचान माना जाने वाला परघटिया तालाब अनदेखी के चलते धीरे- धीरे अपनी ही पहचान खोता जा रहा है। अथाह जलराशि से लबालब रहने वाले तालाब प्रणाली पखेरु कलरव करते थे लेकिन आज यहां का नजारा बदला हुआ है। देखरेख व लापरवाही के कारण अब यहां न तो पानी है और न ही वो मोहक नजारा। कहीं अतिक्रमण काबिज है तो जलभराव के कई मार्ग भी अवरुद्ध हो चुके हैं। इस तालाब का निर्माण गांव की बसावट के साथ ही किया गया था। परंघटिया तालाब की प्राचीनता की पुष्टि गांव के दो कुए भी करते हैं। अब दोनों कुए भी पाट दिये गये हैं। एक कुआ गांव के दक्षिण पूर्व में बने प्राचीन गढ़ में था तो दूसरा तालाब की पाल के समीप था।
कहा जाता है कि इन दोनों कुओं को एक भूमिगत सुरंग जोड़ती थी। ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रशासन को इसे ग्राम की धरोहर मानकर संरक्षित क्षेत्र घोषित करे व इसके विकास के लिए प्रयास करने चाहिए। साथ ही लड़की बांध से इसमें जल भराव के प्रबंध करने चाहिए। इसकी पाल को भी सुन्दर बनाकर ग्रामीणों के लिये भ्रमण के योग्य बनाया जाए।